!! तेरी हीर !!
मैं कब से तेरी हीर बनी बैठी हूँ,
तू कब राँझा बनेगा मेरा।।
मोहब्बत करते मुझे अरसा हो गया,
और कितने बरसों में होगा तू मेरा।।
मोहब्बत तू भी करता है मुझसे पर,
मोहब्बत मे तेरी खामोशियाँ बहुत है।।
मैं कब से तेरी हीर बनी बैठी...
तू कब राँझा बनेगा मेरा।।
मोहब्बत करते मुझे अरसा हो गया,
और कितने बरसों में होगा तू मेरा।।
मोहब्बत तू भी करता है मुझसे पर,
मोहब्बत मे तेरी खामोशियाँ बहुत है।।
मैं कब से तेरी हीर बनी बैठी...