उदास क्यों ,हताश क्यों
उदास क्यों है आज इतना तू,
हताश क्यों है आज इतना तू,
जानता हूं कि माहौल में कौतूहल है,
धुकधुकी भी है सीने में,
खुद से घोषित युद्ध तो नही ये कहीं,
जीतने हारने का डर तो नही ये कहीं,
जानता हूं कि मन...
हताश क्यों है आज इतना तू,
जानता हूं कि माहौल में कौतूहल है,
धुकधुकी भी है सीने में,
खुद से घोषित युद्ध तो नही ये कहीं,
जीतने हारने का डर तो नही ये कहीं,
जानता हूं कि मन...