क्या चाहिए!
ना शौहरत चाहिए, ना सपने रंगीन चाहिए,
ना जर चाहिए न कोई जमीन चाहिए,
एक पल का प्यार भी काफी बहुत है,
जिंदगी भर के लिए न कोई हसीन चाहिए,
जमाने के रंग ढंग मे ना ढल पाऊंगा कभी,
जमाने को तो केवल अपने काम की मशीन चाहिए,
खुदकी बड़ी...
ना जर चाहिए न कोई जमीन चाहिए,
एक पल का प्यार भी काफी बहुत है,
जिंदगी भर के लिए न कोई हसीन चाहिए,
जमाने के रंग ढंग मे ना ढल पाऊंगा कभी,
जमाने को तो केवल अपने काम की मशीन चाहिए,
खुदकी बड़ी...