एक कविता तेरे नाम
न कवियित्री मैं न लिखना मुझे कुछ आए
लेकिन फिर भी लिखूं कविता तेरे नाम
जानती नहीं शब्दों से करना सुंदरता को बयां
जो है सूरत से अधिक सीरत में तेरी
आता नहीं मुझे कलम से जादू...
लेकिन फिर भी लिखूं कविता तेरे नाम
जानती नहीं शब्दों से करना सुंदरता को बयां
जो है सूरत से अधिक सीरत में तेरी
आता नहीं मुझे कलम से जादू...