...

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Gaw se ho kya?
गिर कर भी संभल जा रहे हो
छोटे शहर से हो क्या?

अपने सपने को पूरा करने के लिए
जमाने से लड़ रहे हो ,
छोटे शहर से हो क्या?

पंछी जैसे उड़ने की तमन्ना है
और यह भी पता है,
आसमा का अंत नहीं
वापस घर आने की तमन्ना भी रखते हो ।

समझदार होकर भी
नासमझ वाले बातें करते हो,
जहां उम्मीद ना हो
वहां भी उम्मीद रखते हो
सवाल अब भी मेरा वही है
छोटे शहर से हो क्या?
© sttd1