तुझमे ही मैं हर ख्वाब देखता हूँ
कितनी परछाइयाँ उभरती है
जब मैं तुम्हे देखता हूँ
तुम्हारे नज़र में
अपने...
जब मैं तुम्हे देखता हूँ
तुम्हारे नज़र में
अपने...