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एक _हसीन _ख्वाब
देखा है हमने उस चांद को,
उस चांद की खुबसूरती को,
उस चांद के करीब टिमटिमाते तारो को,
उस चांदनी रात में
मिलते बिछड़ते सितारों को
उस चांद और उस चांदनी को
चांद आसमा पर और ज़मी पर चांदनी को
इक सितारा इक पल में आसमा से ज़मी
का हो गया
इक हसीन ख्वाब बंद आंखों में
अपनी खुबसूरती इक पल में खो गया
© पलक शर्मा
#writco #poem #hasikhvab
उस चांद की खुबसूरती को,
उस चांद के करीब टिमटिमाते तारो को,
उस चांदनी रात में
मिलते बिछड़ते सितारों को
उस चांद और उस चांदनी को
चांद आसमा पर और ज़मी पर चांदनी को
इक सितारा इक पल में आसमा से ज़मी
का हो गया
इक हसीन ख्वाब बंद आंखों में
अपनी खुबसूरती इक पल में खो गया
© पलक शर्मा
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