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काश मुझे किसकी बद्दुआ मिला होता...!
बेहतर होता मुझे किसी कि बद्दुआ मिला होता।
कोई दोस्त बनाकर मुझे भी दुश्मन कहा होता।।
ये जो लोग मुझे प्यार के बहाने कैद कर रखते थे ।
कोई उन्हें भी अपना बनाकर सजा दिया होता।।
उम्र ढल जायेंगे अदालत के चक्कर लगाते हुए।
काश! मेरे जीते जी जुर्म का फैसला आया होता।।
सुने हैं तुम रहीश लोगों को पैसों से खरीद लेते हो।
काश! मुझे खरीद कर मिसाल पेस किया होता
सच का साथ देकर मैं आज बहुत सुकून से हूं।
अगर ये गलत है तो बलराम का कत्ल हुआ होता।।
balram barik 💫
कोई दोस्त बनाकर मुझे भी दुश्मन कहा होता।।
ये जो लोग मुझे प्यार के बहाने कैद कर रखते थे ।
कोई उन्हें भी अपना बनाकर सजा दिया होता।।
उम्र ढल जायेंगे अदालत के चक्कर लगाते हुए।
काश! मेरे जीते जी जुर्म का फैसला आया होता।।
सुने हैं तुम रहीश लोगों को पैसों से खरीद लेते हो।
काश! मुझे खरीद कर मिसाल पेस किया होता
सच का साथ देकर मैं आज बहुत सुकून से हूं।
अगर ये गलत है तो बलराम का कत्ल हुआ होता।।
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