...

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क्या कभी सोचा
क्या कभी कुछ सोचा, फुर्सत से इस बारे में तुमने,
के गुजर जाती है रात, कुछ बदल जाता है दिन में,

माॅं बाप ही नहीं बदलते, वो 'प्यार' करते हैं दिल से,
आखिर भूल जाती है क्यों औलाद उन्हें एक पल में,

रह जाते है तो बस ऑंसू उनकी फ़ूल सी ऑंखो" में,
के लौट आओ वापस, वो इंतजार" में बैठे है कब से,

क्या कभी कुछ सोचा, "फुर्सत" से इस बारे में तुमने,
बोल नहीं पाते वो मगर बेहद प्यार" करते है दिल में,

क्या कभी कुछ सोचा, "फुर्सत" से इस बारे में तुमने,
के गुजर जाती है रात, कुछ बदल जाता है दिन में,