#अँधेरा
अँधेरा
कोई अंधेरों में खुदको कैदकर
प्रकाश का बखान करता है
ज़िन्दगी जिसने देखी ही नहीं अभी
वो जीने की राह बताता है
मुमकिन है की वो शर्मिंदा है
अपने ही किसी अज़ीम गुनाह से
वो अपने लिए अंधेरों को
ही सही बताता है |
© khush rang rina
कोई अंधेरों में खुदको कैदकर
प्रकाश का बखान करता है
ज़िन्दगी जिसने देखी ही नहीं अभी
वो जीने की राह बताता है
मुमकिन है की वो शर्मिंदा है
अपने ही किसी अज़ीम गुनाह से
वो अपने लिए अंधेरों को
ही सही बताता है |
© khush rang rina