वक्त वक्त की बात है कौन किसके साथ है
वक्त वक्त की बात है यहां कौन अब किसके साथ है....
बस यही तो बात है किसके अब ज़िंदा एहसास है....
कौन किसको भूल गया और कौन किसको याद है ...
मुर्दा मुर्दा क्यों जज़्बात है क्या यूं भूल जाना इतना ही आसान है....
कहने वाले कहते...
बस यही तो बात है किसके अब ज़िंदा एहसास है....
कौन किसको भूल गया और कौन किसको याद है ...
मुर्दा मुर्दा क्यों जज़्बात है क्या यूं भूल जाना इतना ही आसान है....
कहने वाले कहते...