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नारी तुझे प्रणाम शत - शत प्रणाम !!!
पहली बार जब खून के छींटे लगे कपड़ों पर , दर्द हो रहा था बहोत , पर कुछ समझ ना आया !!!

जब मां को बताया मैंने , तो चुप रहना सिखाया , ना खुलकर कुछ बताया , बस इन दिनों सब से दूर रहना सिखाया !!

जैसे - जैसे में बड़ी हुई और इस दर्द को समझने लगी , लोग हंसते रहे हम पर और में मजाक बनने लगी !!!

किस दर्द से गुजरती है नारी इन दिनों , हम सोच भी नहीं सकते , तड़पती है , आहे भरती है , सहनशीलता की ये मुरत , हर पल दर्द से गुजरती है !!!

कभी मूड का खराब होना , तो कभी किसी काम में मन न लगना , कभी बेवक्त चिल्लाना , फिर भी चुप चाप ये दर्द सहन करना !!

ये सिर्फ लाल रंग नहीं है , ये वरदान है मातृत्व का सुख पाने का , तुमसे ही है हमारा जीवन , तू आधार है हमारा वंश आगे बढ़ाने का !!

इन दिनों बस हमारा दर्द समझ लेना , अगर गुस्से में कुछ कह जाए तो , उसका प्यार से जवाब देना !!!

कभी बाम लगा देना , तो कभी चुपके से सेनेटरी पेड़ ला देना , बस हमें इन दिनों अच्छे से संभाल लेना !!!

हर वक्त ना चिल्लाओ उन पर , थोड़ा उन्हें भी समझो , जरूरत होती है इस वक्त उन्हें हमारी , बस थोड़ा उन्हें प्यार से रखो !!!

अछूत नहीं है वो और ना ही अपवित्र , नारी से ही है हमारा जीवन , नारी ही है हमारा सच्चा मित्र !!!

नारी तुझे प्रणाम शत - शत प्रणाम !!!
@aditi_singh @creativitygirl @Ayus2663 @nand8625 @monishapathak

© Ashish Morya