नारी तुझे प्रणाम शत - शत प्रणाम !!!
पहली बार जब खून के छींटे लगे कपड़ों पर , दर्द हो रहा था बहोत , पर कुछ समझ ना आया !!!
जब मां को बताया मैंने , तो चुप रहना सिखाया , ना खुलकर कुछ बताया , बस इन दिनों सब से दूर रहना सिखाया !!
जैसे - जैसे में बड़ी हुई और इस दर्द को समझने लगी , लोग हंसते रहे हम पर और में मजाक बनने लगी !!!
किस दर्द से गुजरती है नारी इन दिनों , हम सोच भी नहीं सकते , तड़पती है , आहे भरती है , सहनशीलता की ये मुरत , हर पल दर्द से गुजरती है !!!
कभी मूड का खराब होना , तो कभी किसी...
जब मां को बताया मैंने , तो चुप रहना सिखाया , ना खुलकर कुछ बताया , बस इन दिनों सब से दूर रहना सिखाया !!
जैसे - जैसे में बड़ी हुई और इस दर्द को समझने लगी , लोग हंसते रहे हम पर और में मजाक बनने लगी !!!
किस दर्द से गुजरती है नारी इन दिनों , हम सोच भी नहीं सकते , तड़पती है , आहे भरती है , सहनशीलता की ये मुरत , हर पल दर्द से गुजरती है !!!
कभी मूड का खराब होना , तो कभी किसी...