दरगुज़र
#मयखाने
जब से हुई है मेरी आमद शहर में तेरे
मुझसे रूठे रूठे सारे मयखाने हैं
जब से हुई है आमद मेरी शहर में तेरे
न वो ताल्लुक दरमयाने है
क्या कहूं के जो ख़ुदा मुझसे रूठे
तो न हो रंज ओ ग़म इतना
आकर तेरे शहर में वास्ते मिलने तुझसे
दरगुज़र ए रास्ते हुए है
© anamika
जब से हुई है मेरी आमद शहर में तेरे
मुझसे रूठे रूठे सारे मयखाने हैं
जब से हुई है आमद मेरी शहर में तेरे
न वो ताल्लुक दरमयाने है
क्या कहूं के जो ख़ुदा मुझसे रूठे
तो न हो रंज ओ ग़म इतना
आकर तेरे शहर में वास्ते मिलने तुझसे
दरगुज़र ए रास्ते हुए है
© anamika