...

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शैलपुत्री
सुनो- सुनो पाठक, श्रोतागण
आज ऐसी चर्चा कर रहा हूँ,
जिसके विषय में अनभिज्ञों को
छोटी सी कथा कह रहा हूँ |
नवरात्री के प्रथम दिवस में
जिनकी पूजा की जाती हैं ,
पूरी दुनिया उस देवी को
शैलपुत्री के नाम से जानती हैं|
खुद को भस्म करके सती ने
जब लिया पुत्री में पुनर्जन्म ,
पिता थे इनके पर्वतराज हिमालय
इसी कारण, हुआ ऐसा नामकरण |

दाएं हाथ में त्रिसूल तो बाएं में पुष्प कमल
मुकुट में अर्धचंन्द्र लिए बैल पर रहती सवार,
माँ दुर्गा के रूप में
हैं ये प्रथम धरा अवतार|

जो करे माँ शैलपुत्री की साधना
जीवन से बला मिट जाती हैं ,
दूर रहती नकरात्मक शक्तियां और
क्लेश भी दूर रह जाती हैं |


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