...

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aapka liye
स्टेटबैंक की कहानी :*

ज़रूरी नहीं कि
पापों के प्रायश्चित के लिए दान पुण्य ही किया जाए।

स्टेट बैंक में खाता
खुलवा कर भी
प्रायश्चित किया जा सकता है..

छोटा मोटा पाप हो, तो
बैलेंस पता करने चले जाएँ।

चार काउन्टर पर धक्के खाने के बात पता चलता है, कि
बैलेंस गुप्ता मैडम बताएगी।

गुप्ता मैडम का काउन्टर कौन सा है,
ये पता करने के लिए
फिर किसी काउन्टर पर जाना पड़ता है।

लेवल वन कम्प्लीट हुआ। यानी गुप्ता मैडम का
काउन्टर पता चल गया है। लेकिन थोड़ा वेट करना पड़ेगा, क्योंकि
मैडम अभी सीट पर नहीं है।

आधे घंटे बाद चश्मा लगाए,
पल्लू संभालती हुई,
युनिनोर की 2G स्पीड से चलती हुई गुप्ता मैडम
सीट पर
विराजमान हो जाती है।
आप मैडम को
खाता नंबर देकर बैलेंस पूछते है।

मैडम
पहले तो
आपको इस तरह घूरती है,
जैसे
आपने उसकी
बेटी का हाथ मांग लिया है। आप भी
अपना थोबड़ा ऐसे
बना लेते है
जैसे सुनामी में आपका सब कुछ उजड़ गया है,
और आज की तारीख में
आपसे बड़ा
लाचार दुखी कोई नहीं है।

गुप्ता मैडम को
आपके
थोबड़े पर तरस आ जाता है, और
बैलेंस बताने जैसा भारी काम करने का मन बना लेती है।...