"दिल को छुआ जरूर था"
© pG” दिल को छुआ जरूर था "
एक खूबसूरती से चेहरे ने दिल को छुआ जरूर था,
मेरी आंखों में उसके हुस्न का तैरता हमेशा एक नूर था,
एक खूबसूरती के चेहरे ने दिल को छुआ जरूर था।
यूं ही कहीं हम मिले थे, चलते फिरते राहों में,
पता नहीं कैसे यह स्थिर नजरे, जाके झूली थी उसकी बाहों में
उस दिन तो दिल में जैसे छाया कोई सुरूर था,
एक खूबसूरती के चेहरे ने ……….।
नजरें मेरी, बाहों में उसके टंगी झूल रही थी ,
यादों की कोशिकाएं आगे की राह भूल रही थी,
अचंभा तो तब हुआ,
जब नजरों ने देखा उसे,
कमबखत, उसकी नजरें हमें पहले से...