...

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जिंदगी
ज़िन्दगी सुर्ख लाल पलाश- सी,
कभी जीतती, कभी हताश सी।

कभी नई कोपले खिली- सी।
कभी रात की ठहरी बूंद- सी,
जगाती सपने,सुबह की पहली धूप- सी।
कभी ख्वाहिशों की दास्तां गीली सी
कभी पिघलती आंसूओं में भीगी सी,...