periods
ये लाल रक्त का दाग नहीं मेरे स्त्री होने का अभिमान हैं
दे सकू माँस के टुकड़े को जीवन ये मेरा किरदार हैं
मैंने अपनी जिंदगी के हर महिने में दर्द से गुजारे पांच दिन हैं
करते हो जिस दाग से घिन होती ना उजागर में जिसकी बात हैं
मिलता हैं उससे ही जीवन तुमको फ़िर क्यों दुनिया उसी पर शर्मसार हैं
ये लाल रक्त का दाग नहीं मेरे स्त्री होने...
दे सकू माँस के टुकड़े को जीवन ये मेरा किरदार हैं
मैंने अपनी जिंदगी के हर महिने में दर्द से गुजारे पांच दिन हैं
करते हो जिस दाग से घिन होती ना उजागर में जिसकी बात हैं
मिलता हैं उससे ही जीवन तुमको फ़िर क्यों दुनिया उसी पर शर्मसार हैं
ये लाल रक्त का दाग नहीं मेरे स्त्री होने...