देख लो ख़ुद
वो जो दरख़्त खड़ा है।
चुपचाप हमेशा रहता है।।
शाखाएं क्यों न कट जाए।
फल-फूल कोई भी ले जाए।।
गिले-शिकवे कभी न करता है।
देकर प्रतिदान नहीं मांगता है।।
नि:...
चुपचाप हमेशा रहता है।।
शाखाएं क्यों न कट जाए।
फल-फूल कोई भी ले जाए।।
गिले-शिकवे कभी न करता है।
देकर प्रतिदान नहीं मांगता है।।
नि:...