"आहट दिल की..." ✍️
"आहट दिल की मेरे इस दिल तक पहुँचे,
इश्क़ में तुम्हारे इतनी तो शिद्दत होनी चाहिए ।
रोम-रोम महका रहे तुम्हारी ख़ुशबू से,
दिलों के दरमियाँ इतनी तो क़ुर्बत होनी चाहिए ।।
❣️
मैं खोया-खोया सा रहता हूँ हरदम,
फ़क़त तुम्हारे ही ख़्याल-ओ-ख़्वाबों में साथिया,
कि- जितनी है मुझे ज़रूरत तुम्हारी,
उतनी ही तुम्हें भी मेरी ज़रूरत होनी चाहिए ।।
❣️
अखियाँ ही अँखियाँ कर डालें सारी बातें,
उफ़्फ़.. धड़कनों की गुफ़्तुगू का क्या ही कहना,
कि- अपने आग़ोश में भर लो मुझे बेसुध होकर,
साँसों की साँसों से इतनी तो सोहबत होनी चाहिए ।।
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इश्क़ में तुम्हारे इतनी तो शिद्दत होनी चाहिए ।
रोम-रोम महका रहे तुम्हारी ख़ुशबू से,
दिलों के दरमियाँ इतनी तो क़ुर्बत होनी चाहिए ।।
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मैं खोया-खोया सा रहता हूँ हरदम,
फ़क़त तुम्हारे ही ख़्याल-ओ-ख़्वाबों में साथिया,
कि- जितनी है मुझे ज़रूरत तुम्हारी,
उतनी ही तुम्हें भी मेरी ज़रूरत होनी चाहिए ।।
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अखियाँ ही अँखियाँ कर डालें सारी बातें,
उफ़्फ़.. धड़कनों की गुफ़्तुगू का क्या ही कहना,
कि- अपने आग़ोश में भर लो मुझे बेसुध होकर,
साँसों की साँसों से इतनी तो सोहबत होनी चाहिए ।।
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