...

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मुझे बताना नहीं आता
बहुत मोहब्बत है मुझे उससे लेकिन
मुझे बताना नहीं आता
हर पल हर लम्हा सिर्फ उसकी फ़िक्र है मुझे लेकिन
मुझे बताना नहीं आता
हर गुज़रते लम्हों में सबसे पहले उसका ज़िक्र है लेकिन
मुझे बताना नहीं आता
हर बार उसे खो देने का डर डरा देता है लेकिन
मुझे बताना नहीं आता
अपने ख्यालों से दूर सिर्फ उसके ख्यालों में खोए रहना
चाहती हूं लेकिन मुझे बताना नहीं आता
उसकी प्यारी सी बातें सुनकर कर खुद को ख़ुशनसीब मान लेती हूं लेकिन मुझे बताना नहीं आता
उसकी फिक्र भरी बातें सुनकर उस पर और भी प्यार आने लगता है लेकिन मुझे बताना नहीं आता
उसकी गुस्से वाली आवाज सुन कर खुद को खुद से दूर
मानने लगती हूं लेकिन मुझे बताना नहीं आता
बहुत मोहब्बत है मुझे उससे लेकिन
मुझे बताना नहीं आता।

© #onlymuskan