11 views
ख्वावों की दुनिया में सुकून
ख्वाबों की दुनिया में मैं सुकून भरी जिंदगी पाऊं,
सर उठाऊं तो मैं नीले गगन को पाऊं,
गगन में फैले बादलों में ,
मैं खुद को परी कहलाऊं,
रात को मैं तारें देखूं,
तारों में भी मैं खुद को पाऊं,
अरे नीले गगन तेरे ख्वाबों की,
दुनिया में मैं सुकून भरी जिंदगी पाऊं।
सर झुकाऊं तो मैं मिट्टी की खुशबू को पाऊं,
मिट्टी की खुशबू मेंभी मैं,
हरियाली फसलों में खो जाऊं,
टहलती हुई हवाओं में मैं,
हरे भरे पेड़ों की डालियों मेंभी मैं,
उड़ती फिरती चिड़िया बनकर खूब नाचूं गाऊं,
अरे बसुंधरा में तेरे ख्वाबों की दुनिया में सुकून भरी जिंदगी पाऊं,
मैं इसी प्रकार अपने ख्वाबों की दुनिया में सुकून भरी जिंदगी पाऊं।
धनवनती
© All Rights Reserved
सर उठाऊं तो मैं नीले गगन को पाऊं,
गगन में फैले बादलों में ,
मैं खुद को परी कहलाऊं,
रात को मैं तारें देखूं,
तारों में भी मैं खुद को पाऊं,
अरे नीले गगन तेरे ख्वाबों की,
दुनिया में मैं सुकून भरी जिंदगी पाऊं।
सर झुकाऊं तो मैं मिट्टी की खुशबू को पाऊं,
मिट्टी की खुशबू मेंभी मैं,
हरियाली फसलों में खो जाऊं,
टहलती हुई हवाओं में मैं,
हरे भरे पेड़ों की डालियों मेंभी मैं,
उड़ती फिरती चिड़िया बनकर खूब नाचूं गाऊं,
अरे बसुंधरा में तेरे ख्वाबों की दुनिया में सुकून भरी जिंदगी पाऊं,
मैं इसी प्रकार अपने ख्वाबों की दुनिया में सुकून भरी जिंदगी पाऊं।
धनवनती
© All Rights Reserved
Related Stories
15 Likes
3
Comments
15 Likes
3
Comments