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पापा
#पापा

पापा कल्पवृक्ष हैं,जो मांगा सब मिला हमको
सूर्य सा जीवन हैं,तपा कर रोशन किया हमको

देखूं वितान गगन को,अक्स उस जैसा लगे
दुनिया के हर कोने से,जो मांगा दिया हमको

प्यार था अनन्त हृदय में,ममता के भंडार वो
चट्टान सा जीवन फिर भी,फूल बनाया हमको

याद आती हैं पापा,हर वो जीवन की घड़ियां
साथ नही हो कर भी,पास आपने रखा हमको

अभी तो हम सम्हले नहीं,अलविदा कह दिया
घनघोर अंधेरे में,सहारे किसके छोडा हमको

क्यों अकेला कर दिया हमको

दिसम्बर के महीने से ही हर पल वो घड़ी याद आने लगती,कैसे आप हमें अचानक से यूँ बिना बताए चले गए थे।आज उन बातों को आठ वर्ष बीत गए लेकिन लगता हैं जैसे कल की ही बात हैं।हर पल साथ रहने वाले आप हमेशा के लिए अकेला कर गए।😪😪
😪😪रीना😪😪