"मेरा इश्क"
"ना जिस्म की ख़ूबसूरती तराशता ,
ना बातों पे दिल हारता ,
ना ही सतही भावनाओं पे जिंदा है..
'रूहानी' है मेरा इश्क ,
जो सिर्फ़ रूह पे मर मिटता है..
ऊँचाइयों से भी ऊँची
हसरत-ए-परवाज़ रखता है ,
समन्दर से भी गहरे
दिल में राज रखता है ,
इस दुनियाँ से...
ना बातों पे दिल हारता ,
ना ही सतही भावनाओं पे जिंदा है..
'रूहानी' है मेरा इश्क ,
जो सिर्फ़ रूह पे मर मिटता है..
ऊँचाइयों से भी ऊँची
हसरत-ए-परवाज़ रखता है ,
समन्दर से भी गहरे
दिल में राज रखता है ,
इस दुनियाँ से...