...

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फर्क
फर्क बस इतना है
तुममें और मूजमें
मैं ध्यान रखता हूँ
तुम नजर रखते हो।

जब भी बात आती हमारी
मैं भीतर गाँव रखता हूँ
तुम खुद में ही डूबा
खुदगर्ज शहर रखते हो।

खुलकर हँसना, जी भर...