...

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ये ही तो महोब्बत है।
तुम कहेते हो कि
बहोत बूरी है
मूजे तुम्हारी जो आदत है
मेरे लिए वही तो
दिल से की हुइ इबादत है।

नादानीयाँ अच्छी नहीं कह
डाँटा करते हो हंमेशा
तुम्हारा ध्यान खींचने की
वो मेरी बस शरारत है।

एसी भी कया दीवानगी
कह कर गुस्सा होते हो
पागलपन ये सोचा समजा
ये ही तो जानेजाना मेरी महोब्बत है।

सौम्यसृष्टि
© Somyashrusti