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दूरी और प्यार
तुझसे मुझे दूर होना ना था
मगर ये वक्त की कैसी मार है
तू है मेरी आंखों के सामने
मगर दरिया के उस पार है
दो किनारों की तरह हो गए अब हम
सामने होकर भी कितने दूर है
छूना चाहते हैं दोनों एक दूसरे को
मगर किस्मत के आगे मजबूर हैं
दुआ करो वहीं से हमारे लिए सलामती की
हम भी तुम्हारे लिए यहां से दुआ करते हैं
अगर निभाना ही चाहते हो साथ मेरा
तो क्यों ना ऐसे ही प्यार करते हैं
#darkshadewriter
© sujit thakur
मगर ये वक्त की कैसी मार है
तू है मेरी आंखों के सामने
मगर दरिया के उस पार है
दो किनारों की तरह हो गए अब हम
सामने होकर भी कितने दूर है
छूना चाहते हैं दोनों एक दूसरे को
मगर किस्मत के आगे मजबूर हैं
दुआ करो वहीं से हमारे लिए सलामती की
हम भी तुम्हारे लिए यहां से दुआ करते हैं
अगर निभाना ही चाहते हो साथ मेरा
तो क्यों ना ऐसे ही प्यार करते हैं
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