एकतरफा मोहब्बत
#WritcoPoemPrompt2
कब दीवाना हो गया पता न चला,
हँसती मुस्कराती और खिलखिलाती तुम
ख्वाब बुनने लगा तुम सँग जीने के
होंठो पर हर दम, रहती कोई तरन्नुम
हँसती मुस्कराती और खिलखिलाती तुम
रेशमी जुल्फें,हिरनी आँखे,गुलाबी गाल
जाने कब हो गया मै तुम्हारी अदाओं में गुम
हँसती मुस्कराती और खिलखिलाती तुम
किसी और की बांहों में देखा जब से तुम्हें,
बस करता हूँ बेजार सा, हाँ, ना, हुम् हुम्
हँसती मुस्कराती और खिलखिलाती तुम
कब दीवाना हो गया पता न चला,
हँसती मुस्कराती और खिलखिलाती तुम
ख्वाब बुनने लगा तुम सँग जीने के
होंठो पर हर दम, रहती कोई तरन्नुम
हँसती मुस्कराती और खिलखिलाती तुम
रेशमी जुल्फें,हिरनी आँखे,गुलाबी गाल
जाने कब हो गया मै तुम्हारी अदाओं में गुम
हँसती मुस्कराती और खिलखिलाती तुम
किसी और की बांहों में देखा जब से तुम्हें,
बस करता हूँ बेजार सा, हाँ, ना, हुम् हुम्
हँसती मुस्कराती और खिलखिलाती तुम