KAL KI RAAT
रात क्या होती है हमसे 'पूछिए'
डूबने के जिद पर कश्ती आ गई,
बस यही मजबूर दरिया हो गया..।
आज खुद को बेचने को निकले थे हम,
आज ही बाजार मंदा हो गया...!
© saya
डूबने के जिद पर कश्ती आ गई,
बस यही मजबूर दरिया हो गया..।
आज खुद को बेचने को निकले थे हम,
आज ही बाजार मंदा हो गया...!
© saya
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