17 views
इश्क दोबारा नहीं होता।।
तुम थाम लेती दुनिया के सामने मेरा हाथ,
तो आज मैं कुंवारा नहीं होता।।
तुम्हारे सिवा किसी काम में मन नहीं लगता,
वरना आज मैं नाकारा नहीं होता।।
इश्क में इतना टूट गया हूं की लाचार हो गया हूं,
तुमसे ना मिलता तो बेचारा नहीं होता।।
दर दर भटकता हूं तुम्हें ढूढने को घर छोड़ कर,
ढूढने न निकलता तो बंजारा नहीं होता।।
समझाया था मां बाप ने इश्क के चक्कर में मत पड़ना,
समझ लेता तो आवारा नहीं होता।।
लिखने लगा हूं अब मैं भी जिंदगी को ज़हर,
काश मैं खुद से हारा नहीं होता।।
दो किनारे एक नदी के कभी नही मिलते,
जान पाता तो मैं कभी किनारा नहीं होता।।
सहारा मांगता है कोई तो अब मैं आंखें मूंद लेता हूं
मुफ्लिसो का इस दुनिया में कोई सहारा नहीं होता।।
बेवकूफ था मैं जो पहले समझा नहीं,
बिना मतलब का कोई ईशारा नहीं होता।।
प्यारा बनकर दुनिया को लूट लेती है दुनिया,
काश दुनिया में कोई प्यारा नहीं होता।।
मन तो बहुत है सब छोड़कर केवल शायरी लिखने का,
पर केवल शायरी से गुज़ारा नहीं होता।।
एक बार इश्क हो जाए किसी से,
तो फिर वैसा इश्क दोबारा नहीं होता।।
© @badnamLadka
तो आज मैं कुंवारा नहीं होता।।
तुम्हारे सिवा किसी काम में मन नहीं लगता,
वरना आज मैं नाकारा नहीं होता।।
इश्क में इतना टूट गया हूं की लाचार हो गया हूं,
तुमसे ना मिलता तो बेचारा नहीं होता।।
दर दर भटकता हूं तुम्हें ढूढने को घर छोड़ कर,
ढूढने न निकलता तो बंजारा नहीं होता।।
समझाया था मां बाप ने इश्क के चक्कर में मत पड़ना,
समझ लेता तो आवारा नहीं होता।।
लिखने लगा हूं अब मैं भी जिंदगी को ज़हर,
काश मैं खुद से हारा नहीं होता।।
दो किनारे एक नदी के कभी नही मिलते,
जान पाता तो मैं कभी किनारा नहीं होता।।
सहारा मांगता है कोई तो अब मैं आंखें मूंद लेता हूं
मुफ्लिसो का इस दुनिया में कोई सहारा नहीं होता।।
बेवकूफ था मैं जो पहले समझा नहीं,
बिना मतलब का कोई ईशारा नहीं होता।।
प्यारा बनकर दुनिया को लूट लेती है दुनिया,
काश दुनिया में कोई प्यारा नहीं होता।।
मन तो बहुत है सब छोड़कर केवल शायरी लिखने का,
पर केवल शायरी से गुज़ारा नहीं होता।।
एक बार इश्क हो जाए किसी से,
तो फिर वैसा इश्क दोबारा नहीं होता।।
© @badnamLadka
Related Stories
21 Likes
5
Comments
21 Likes
5
Comments