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आवारा तबीयत हस्ती
इक आवारा तबीयत हस्ती है
जाने कितने दिलों में बसती है
होंठ खुले तो फूल बरसते हैं
खिलखिलाती हंसी पर कितनों के अरमां मचलते हैं
पलकों की जुम्बिश पर कितने ही दिल फिसलते हैं
उसकी आवाज़ पे कितनों के दिल पिघलते हैं
जाने कितने उसकी हसरत में तड़पते हैं।
जाने तू किसका चमकता तारा होगा
तेरा दिल किसकी मुहब्बत का सहारा होगा
जाने किसका बनेगा महबूब
किसे जान से प्यारा होगा
जाने किसके माथे का चांद बनेगा
जाने किसके आंचल का सितारा होगा
हां तू ही जो आवारा तबीयत हस्ती है
जाने कितने दिलों में बसती है।।
© khak_@mbalvi
जाने कितने दिलों में बसती है
होंठ खुले तो फूल बरसते हैं
खिलखिलाती हंसी पर कितनों के अरमां मचलते हैं
पलकों की जुम्बिश पर कितने ही दिल फिसलते हैं
उसकी आवाज़ पे कितनों के दिल पिघलते हैं
जाने कितने उसकी हसरत में तड़पते हैं।
जाने तू किसका चमकता तारा होगा
तेरा दिल किसकी मुहब्बत का सहारा होगा
जाने किसका बनेगा महबूब
किसे जान से प्यारा होगा
जाने किसके माथे का चांद बनेगा
जाने किसके आंचल का सितारा होगा
हां तू ही जो आवारा तबीयत हस्ती है
जाने कितने दिलों में बसती है।।
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