आवारा तबीयत हस्ती
इक आवारा तबीयत हस्ती है
जाने कितने दिलों में बसती है
होंठ खुले तो फूल बरसते हैं
खिलखिलाती हंसी पर कितनों के अरमां मचलते हैं
पलकों की जुम्बिश पर कितने ही दिल फिसलते हैं
उसकी आवाज़ पे कितनों के दिल...
जाने कितने दिलों में बसती है
होंठ खुले तो फूल बरसते हैं
खिलखिलाती हंसी पर कितनों के अरमां मचलते हैं
पलकों की जुम्बिश पर कितने ही दिल फिसलते हैं
उसकी आवाज़ पे कितनों के दिल...