❤️❤️।।मां मुझे डर लगता है।।❤️❤️
मां मुझे डर लगता है। बहुत डर लगता है सूरज की रोशनी आग सी लगती है पानी की बूंदे भी तेजाब सी लगती है मां हवा में भी ज़हर सा घुला लगता है।
मां मुझे छुपा ले बहुत डर लगता है।
मां याद है वह कांच की गुड़िया, जो बचपन में टूटी थी। मां कुछ ऐसे ही आज मैं टूट गई हूं। मेरी गलती कुछ भी ना थी फिर भी खुद से रूठ गई हूं।
मां बचपन में स्कूल की टीचर की गंदी नजरों से डर लगता था। पड़ोसन के चाचा के इरादों से डर लगता था, मां वह नुक्कड़ के लड़कों की बेवकूफ बातों से लगता था।
और अब बॉस के पैसे ही इशारों से डर लगता...
मां मुझे छुपा ले बहुत डर लगता है।
मां याद है वह कांच की गुड़िया, जो बचपन में टूटी थी। मां कुछ ऐसे ही आज मैं टूट गई हूं। मेरी गलती कुछ भी ना थी फिर भी खुद से रूठ गई हूं।
मां बचपन में स्कूल की टीचर की गंदी नजरों से डर लगता था। पड़ोसन के चाचा के इरादों से डर लगता था, मां वह नुक्कड़ के लड़कों की बेवकूफ बातों से लगता था।
और अब बॉस के पैसे ही इशारों से डर लगता...