नारी :कृष्ण के गीता की मर्यादा
जब है जानती गंगा सी बनकर बहना
तो बनी आग की लपटों की वो ज्वाला है
अभी भी हो रूकने का नाम नहीं ले रहे
ये बताओ?
बाकी कितना कुरूक्षेत्र होने अभी वाला है
अभी देखा नहीं है तुमने रूप रौद्र उसका
कभी श्रद्धा में बंधी फ़ूल तो
कभी मृत्यु का बनी रूप आधा है।।
एक क्षण उसे चुनौती देकर तो देखो
ख़ाक न कर दे तो कहना
ये एक नारी का वादा है।।
मिलेगी हर कोने में काली तुम्हें
बस कहीं थोड़ी कम
कहीं थोड़ी ज़्यादा है।।
क्यूँ तुम ख़ुद का ख़ुद ही दाव नहीं खेलते
क्यूँ बना रखा हर किसी ने अपना कोई प्यादा है
कुछ भी करो वो महाभारत याद रखना
सिर्फ पाण्डव या कुरूक्षेत्र नहीं
हर नारी इस दुनिया में,,
कृष्णा के गीता की मर्यादा है।।
© Princess cutie
तो बनी आग की लपटों की वो ज्वाला है
अभी भी हो रूकने का नाम नहीं ले रहे
ये बताओ?
बाकी कितना कुरूक्षेत्र होने अभी वाला है
अभी देखा नहीं है तुमने रूप रौद्र उसका
कभी श्रद्धा में बंधी फ़ूल तो
कभी मृत्यु का बनी रूप आधा है।।
एक क्षण उसे चुनौती देकर तो देखो
ख़ाक न कर दे तो कहना
ये एक नारी का वादा है।।
मिलेगी हर कोने में काली तुम्हें
बस कहीं थोड़ी कम
कहीं थोड़ी ज़्यादा है।।
क्यूँ तुम ख़ुद का ख़ुद ही दाव नहीं खेलते
क्यूँ बना रखा हर किसी ने अपना कोई प्यादा है
कुछ भी करो वो महाभारत याद रखना
सिर्फ पाण्डव या कुरूक्षेत्र नहीं
हर नारी इस दुनिया में,,
कृष्णा के गीता की मर्यादा है।।
© Princess cutie