...

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मैं मणिपुर हु मेरी सदाए सुनो
दर्द कितना अब किसे सुनाएं सुनो
ज़ख्म जा कर कहा पर दिखाए सुनो
रोए चीखें या फिर गिड़गिड़ाए सुनो
मैं मणिपुर हु मेरी सदाए सुनो

मेरी सांसों पे पहरा भला किस लिए
रूह पर ज़ख्म गहरा भला किस लिए
मेरे लोगों के घर और जान और माल का
मोल कुछ भी न ठहरा भला किस लिए
सर पटकने गली किसकी जाए सुनो
मैं मणिपुर हु मेरी सदाए सुनो

सब्ज़ वादी मेरी इन दिनों जर्द है
क्या बताऊं मेरा कौन हमदर्द है
जिन पहाड़ों पे था नाज़...