ख़ामोशी🤫🤫🤫🤫🤫🤫🤫
जिंदगी की हर सच्चाई से समझो पर्दा अब उठ ही गया,
जब किसी की ख़ामोशी ने चीखती आवाज़ों का मुंह बंद किया,
देखता रह गया यह जहां जब ख़ामोशी के समुंद्र में सैलाब आया,
अब इस ख़ामोशी से हर किसी के चेहरे पर डर का भाव आया,
समाज में जब अपने स्वाभिमान का गला घुटता हुआ देखा हर औरत ने,
तब इसी ख़ामोशी ने अपनी आवाज़ पर से शर्म ओ लहजे का पर्दा उठाया,
जब हर सनसनी वारदात को ख़ामोशी के बक्से में बन्द कर अंधेरे में...
जब किसी की ख़ामोशी ने चीखती आवाज़ों का मुंह बंद किया,
देखता रह गया यह जहां जब ख़ामोशी के समुंद्र में सैलाब आया,
अब इस ख़ामोशी से हर किसी के चेहरे पर डर का भाव आया,
समाज में जब अपने स्वाभिमान का गला घुटता हुआ देखा हर औरत ने,
तब इसी ख़ामोशी ने अपनी आवाज़ पर से शर्म ओ लहजे का पर्दा उठाया,
जब हर सनसनी वारदात को ख़ामोशी के बक्से में बन्द कर अंधेरे में...