रहस्य सुंदरी!
रात चांदनी
मद्धम मद्धम,
लहराते केश
रेशम-रेशम,
मुख-कांति
कंचन-कंचन,
काया सौम्य
चंदन-चंदन,
मोहक मुस्कान
नंदन-नंदन,
रूप-लावण्य
अद्भुत-अनुपम,
रहस्य सुंदरी,
वंदन -वंदन!
—Vijay Kumar—
© Truly Chambyal
मद्धम मद्धम,
लहराते केश
रेशम-रेशम,
मुख-कांति
कंचन-कंचन,
काया सौम्य
चंदन-चंदन,
मोहक मुस्कान
नंदन-नंदन,
रूप-लावण्य
अद्भुत-अनुपम,
रहस्य सुंदरी,
वंदन -वंदन!
—Vijay Kumar—
© Truly Chambyal
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