सोच ( कविता )
सोच (कविता)
एक छोटा सा शब्द है सोच
कितना गहराई है सोच मे
कभी किसी का चरित्र दशलाना
कभी किसी का कर्म बन जाना
कभी यह अच्छी सोच हो जाता
कभी किसी की गन्दी सोच बन जाता
कभी मेरे घर बालक ने जन्म लिया
कभी मेरे मित्रों के घर नयें शिशु का...
एक छोटा सा शब्द है सोच
कितना गहराई है सोच मे
कभी किसी का चरित्र दशलाना
कभी किसी का कर्म बन जाना
कभी यह अच्छी सोच हो जाता
कभी किसी की गन्दी सोच बन जाता
कभी मेरे घर बालक ने जन्म लिया
कभी मेरे मित्रों के घर नयें शिशु का...