एहसास –
तु ख्वाब थी ,
न जाने हकीकत कैसे बन गई।
तु एहसास थी,
न जाने किस्मत कैसे बन गई।
अब फर्क भी नही पड़ता कैसा हूं मै..
अब फर्क भी नही पड़ता कैसा हूं मै,...
न जाने हकीकत कैसे बन गई।
तु एहसास थी,
न जाने किस्मत कैसे बन गई।
अब फर्क भी नही पड़ता कैसा हूं मै..
अब फर्क भी नही पड़ता कैसा हूं मै,...