...

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मौसम को देखा है
मैने बदलते रंग के हर एक मौसम को देखा है,
पतझड़ के बाद आते खिली बहार को देखा है।

मैने मेघों के भीषण गर्जन से गरजते
हुए ,अंबर को कोप से कांपते देखा है।
लेकिन भीषण आक्रोश के बाद उसी
अंबर मे रंग बिखरते हुए भी देखा है।

मैने बदलते रंग के हर एक मौसम को देखा है,
पतझड़ के बाद आते हुए बसंत के बहार को देखा है।

मैने...