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ये दिल
दिल ए अशुफ्ता कसीद सा है
ये दिल रशीद सा है।
शान ए करीमी है दिल में
ये दिल अखीद सा है।
रब की शान में झुका है
ये दिल साजीद सा है।
रहम ओ करम है मुझ पे
ये दिल आबीद सा है।
औरों को है कश्मकश
ये दिल मुरीद सा है।
तेरे वजूद को है पाया
ये दिल फ़रीद सा है।
© Roshan ara
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