कुर्सी
पुरखों से, एक कुर्सी,
जुगाड किए खड़ी है,
जब थक जाता हूं,
रोज बैठ जाता हूं ,
इतमीनान के लिए,
दो माला जाप लेता हूं,
नई ऊर्जा के लिए,
कुर्सी पर बैठने की हैसियत मेरी नहीं,
जब...
जुगाड किए खड़ी है,
जब थक जाता हूं,
रोज बैठ जाता हूं ,
इतमीनान के लिए,
दो माला जाप लेता हूं,
नई ऊर्जा के लिए,
कुर्सी पर बैठने की हैसियत मेरी नहीं,
जब...