यादों की कश्ती..
मन के घरोंदे से ..सवार हो कश्ती पर
कुछ बीते लम्हे.. यादें बन सैर पर निकले हैं
जा आज के मोहल्ले में.. कुछ लम्हें मूडे
मुस्कान की गली में, जो चेहरे तक जाती थी
कुछ ज्यादा ही लम्हों को जाना था..
अश्कों की गली में जो, आंखों पर...
कुछ बीते लम्हे.. यादें बन सैर पर निकले हैं
जा आज के मोहल्ले में.. कुछ लम्हें मूडे
मुस्कान की गली में, जो चेहरे तक जाती थी
कुछ ज्यादा ही लम्हों को जाना था..
अश्कों की गली में जो, आंखों पर...