#जिंदगीकेरंग ढंग #जिंदगी #गुणदोष
फर्क नजरों का नहीं है, नजरिये का है दोस्तों !
जिसका गौरव करते उससे वैमनस्य भी पैदा होता !!
जैसे रोशनदान के नीचे शाश्वत अंधेरा कायम रहता ,
लोग अपने मतलबको देखते,पावनतासे क्या ही रिश्ता ?
उदारता ही जब खतरनाक- विनाशक बन जाये,
पाखंड भी जब रीति-रीवाज,परंपरा,धर्म बन जाये !
स्वतंत्रता जब स्वछंदता बन बैठे,
माहौल कुछ कुछ गरमा ही जाये !
हरेक अपने को ज्ञानी समजे और ओरों को पागल...
जिसका गौरव करते उससे वैमनस्य भी पैदा होता !!
जैसे रोशनदान के नीचे शाश्वत अंधेरा कायम रहता ,
लोग अपने मतलबको देखते,पावनतासे क्या ही रिश्ता ?
उदारता ही जब खतरनाक- विनाशक बन जाये,
पाखंड भी जब रीति-रीवाज,परंपरा,धर्म बन जाये !
स्वतंत्रता जब स्वछंदता बन बैठे,
माहौल कुछ कुछ गरमा ही जाये !
हरेक अपने को ज्ञानी समजे और ओरों को पागल...