...

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मेरे दादा दादी
देखा है मैंने ऐसी जोड़ी को
जिसमें बुढ़ापे तक का प्यार है
कमर टूट रही पर अपने पति के
कामों के लिए अभी भी जोश अंगार है
उनकी नोंक झोंक भी कमाल है
जिसमें छिपी हर जन्म का साथ है और
वो और कोई नहीं मेरे दादा दादी का प्यार है
चाहें आंखों में आसूं हो फिर भी
हर वक्त अपने पति के लिए सम्मान है
मेरे दादी बाबा हमारे लिए
घर के छत के समान है
वह है तो घर में खुशियां है नहीं तो
उनके बिना मानो जैसे परंपरा अचार है
जिंदा है हमारे रिती रिवाज उनसे
नहीं तो किसको पता परंपरा का ज्ञान है
और वह कोई नहीं मेरे दादा दादी से जुड़ा मेरा पूरा परिवार है
___पल्लवी......