अब और तालुक ही न रही मुहब्बत से.
अब दुर तक तालुक ही न रही मुहब्बत से.
खुदा सब को ये मौका नही देता.
फकत समेट रहा हूँ अपने ही जख्मो को.
हर कोई प्यार में धोखा नही देता.
...
खुदा सब को ये मौका नही देता.
फकत समेट रहा हूँ अपने ही जख्मो को.
हर कोई प्यार में धोखा नही देता.
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