...

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dunia ka mela
दुनिया के मेले में
हर शख्स अकेला है

अकेली आदतें हैं ,
सांसें भी अकेली
अकेले आए थे ,
जायेंगे भी अकेले !

ये जो दुनिया है
भीड़ है एक
एक बाजार है जहां
सभी बिकाऊ चीजें हैं
पर प्यार नहीं है !

कोई ढूंढ रहा है
मां का प्यार
कोई ढूंढ रहा है
दादी अम्मा की थपकियां
कोई ढूंढ रहा है
खुशियां ढेर सारी !

सभी ढूंढ रहे हैं
अपनी जरूरत की चीजें
पर सबकी जरूरतें
अलग अलग हैं
हमारी जरूरतें
एक दूसरे से
नहीं मिलती
हमारा दिल भी
नहीं मिलता
समाधान है पर
उसका दरवाजा
नहीं खुलता !

समाधान सबका अलग है
सबकी कुंजी अलग
दुनिया के मेले में
खरीददार सभी हैं
दिखते साथ हैं
पर अकेले सभी हैं !!