Dekho na
सुन है थक गई हो ।।
क्यों कबसे तुम हारने लगी हो देखो तो जरा तुम्हार वो सपना टूट रहा है
सब सहा है जिसके लिए वो हाथों से आज छूटा रहा है।
सुन है थक गई हो
कब तक यूं...
क्यों कबसे तुम हारने लगी हो देखो तो जरा तुम्हार वो सपना टूट रहा है
सब सहा है जिसके लिए वो हाथों से आज छूटा रहा है।
सुन है थक गई हो
कब तक यूं...