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#प्रेम-पर-चिंतन.....
जब हमारी संस्कृति ने हमको
पत्थर की मूर्ति से प्रेम करना सिखाया है
तो तुम्हारे पत्थर होने पर हमें एतराज नहीं !
जब गंगाजल को पीना पुण्य समझते हैं
तो आपने आंसुओं को पीना पाप नही !
जब हरि नाम की माला हम जप सकते हैं
तो तेरे नाम के सहारे जीवन जीने में
हमें कोई सन्ताप नहीं ......!!
#अंजली.......
पत्थर की मूर्ति से प्रेम करना सिखाया है
तो तुम्हारे पत्थर होने पर हमें एतराज नहीं !
जब गंगाजल को पीना पुण्य समझते हैं
तो आपने आंसुओं को पीना पाप नही !
जब हरि नाम की माला हम जप सकते हैं
तो तेरे नाम के सहारे जीवन जीने में
हमें कोई सन्ताप नहीं ......!!
#अंजली.......
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