...

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#लालसा_की_प्रतिध्वनि
#लालसा_की_प्रतिध्वनि
हाथ मिलाना और हाथ छुड़ाकर चले जाना
किस्मत की बात करते हो
जल्दी जल्दी ऐसे कर गए
हम तो अचंभित रह गए
हमारा मन किंकर्तव्यविमूढ़ में हो गया
न जाने यह क्या हो गया
पुछा उससे तुमने ऐसा क्यों किया
वजह न थी उसके पास
इसलिए वह बस चुप हो गया
हम मन ही मन सोचने ल गए
यह लालसा_की_प्रतिध्वनि है
जिसे चाहा तो सकते हैं
पर पाना हमारे बस की बात नहीं
साथ तो बन सकता है एक दूसरे का
पर दूसरे कि मन में क्या चल रहा है
यह समझ पाना नामुमकिन सा है।।
© mmmmalwinder