...

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ऐ ज़िंदगी,
"बिखरे हुए फूलों मे खुशबू न तलाश कर,
दिल है खफा तो खामोसी न राज कर।
ज़िंदगी का हिस्सा है बिखरना,
बिखर कर समेटने की हुनर साज कर।
किस- किस को तड़पाएगी ए ज़िंदगी अपने इस मुस्किलातो से,
के बख्श दे अब हर एक इम्तिहानो से"।


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✍️

یاسمین انصاری
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